खुद को प्यार कर ले-भारती सुजीत

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आओ नववर्ष का स्वागत कुछ इस तरह से कर ले,
सकारात्मकता से भरपूर खुद को सराबोर कर ले।
नकारात्मकता को दरकिनार कर ले,
खुद के अंतर्मन की खुशियों के संग अपना दामन भर ले।
ए जिंदगी अब तो खुद को खुद से प्यार कर ले।

दूसरों की सफलताओं से क्यों जले हम ?
कभी तो औरों की सफलता को भी स्वीकार करें हम।
राहे अपनी खुद बनाकर मंजिलें पार कर ले ,
अपनी कामयाबी हेतु खुद को भी तैयार कर लें ।
ए जिंदगी अब तो खुद को खुद से प्यार कर ले।

कुछ हसरतें अधूरी सी है पूरी कर ना पाए,
कुछ रुठे हैं जो अपने उन्हें मना ना पाए।
संग बिताए खुशी के पलों को फिर से याद कर ले ,
नए सिरे से इस पर थोड़ा सा विचार कर लें ।
ए जिंदगी अब तो खुद को खुद से प्यार कर ले।
Read your life

साल जो बीत गया करना है अब कुछ नया,
असफलताओं और गलतियों को क्यों करें बार-बार बयां?
अपने अंतर्मन के आईने से पहले अपना साक्षात्कार कर ले,
नई उम्मीदों ,नए सपनों, अपने लक्ष्यों को फिर से गुलजार कर ले ।
ए जिंदगी अब तो खुद को खुद से प्यार कर ले।

…….*भारती सुजीत बिहानी*
*सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल*।

58 thoughts on “खुद को प्यार कर ले-भारती सुजीत”

  1. बहुत सुंदर रचना 👌👌

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